मत्स्य-डिम्भ: Difference between revisions

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मत्स्य-पालन (मछली पालन) घरेलू या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए मछलियों के [[प्रजनन]], पालन-[[पोषण]] की एक प्रक्रिया है। मछली पालन में मछली का व्यावसायिक प्रजनन सम्मिलित होता है, प्रायः भोजन के लिए, मछली टैंकों या मछली तालाबों जैसे कृत्रिम बाड़ों में। यह एक विशेष प्रकार की जलीय कृषि है, जिसमें मछली, क्रस्टेशियंस, [[मोलस्का|मोलस्क]] आदि जैसे जलीय जीवों की नियंत्रित खेती होती है। मछली पालन मुख्य रूप से एक बाड़े में या मीठे जल या समुद्री जल के क्षेत्र में मछली का व्यावसायिक उत्पादन है, जो पिंजरों या खुले जाल द्वारा आसपास के जल से दूर होता है।
 
एक ही तालाब में 5 या 6 मछलियों की स्पीशीज का प्रयोग किया जाता है। इसमें हम ऐसी मछलियों को चुनते हैं जिनमे आपस में भोजन के लिए प्रतिस्पर्धा न हो या फिर उनके [[आहार नाल|आहार]] भिन्न भिन्न हो।
 
जैसे - कटला मछली जल की सतह से अपना भोजन लेती है। रोहू मछली तालाब के मध्य क्षेत्र से अपना भोजन लेती हैं। ग्रास कार्प खर - पतवार खाती है। इस प्रकार ये सभी मछलियाँ साथ साथ रहते हुए भी बिना स्पर्धा के अपना अपना आहार लेते है। जिससे तालाब में मछली उत्पादन में वृद्धि होती है। .इनमे से कई मछलियाँ केवल वर्षा ऋतु में ही जनन करती हैं। मछली के अंडो को ही '''''मत्स्य डिम्भ''''' कहते हैं। यदि मत्स्य डिम्भ देशी नस्ल के साथ मिल जाएँ तो यह अन्य स्पीशीज के डिंभों के साथ मिल सकते हैं। अतः मछली संवर्धन के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले डिंभों के होना आवश्यक है।
 
==मछली पालन के तरीके==
मछली पालन की विभिन्न विधियाँ हैं -
====पिंजरा प्रणाली====
मछली के पिंजरे झीलों, खाड़ी, तालाबों, नदियों या महासागरों में रखे जाते हैं ताकि मछलियों को तब तक सुरक्षित रखा जा सके जब तक उन्हें बाहर नहीं निकाला जा सके। [[धातु]] के पिंजरे जल में डुबोए जाते हैं जिनमें मछलियाँ होती हैं। खेती की इस पद्धति में मछलियों को कृत्रिम रूप से खिलाने की आवश्यकता होती है।
====नेट पेन  प्रणाली====
ओपन नेट पेन प्रणाली एक ऐसी विधि है जो प्राकृतिक जल, जैसे नदियों, झीलों, तट के पास या अपतटीय में होती है। प्रजनक जल में तैरती हुई मछलियों को बड़े पिंजरों में पालते हैं। मछलियाँ प्राकृतिक जल में प्रजनन करती हैं लेकिन जाल से अलग रहती हैं।
==मछली पालन के फायदे==
*खेती की गई मछलियों में मानव उपभोग के लिए उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन होता है।
*मछली पालन के लिए बहुत अधिक संसाधनों की आवश्यकता नहीं होती है और इसलिए यह आसानी से उपलब्ध है।
*मछली पालन से अतिरिक्त आय होती है और इसके जल प्रबंधन में सुधार होता है।
*यह संसाधनों को बचाता है और अधिक भोजन का उत्पादन भी सुनिश्चित करता है, जिससे भंडार सुरक्षित होता है और पर्यावरण पर तनाव कम होता है।
*मछली पालन से जंगली समुद्री भोजन को बढ़ावा मिलेगा और यह सभी के लिए सस्ता और सुलभ हो जाएगा।
*यह किसानों को वांछित विशेषताओं वाली मछली प्रजातियों का चयन करने का प्रायः देता है।
*मछली पालन के माध्यम से उगाई गई मछलियों की गुणवत्ता जंगली मछलियों से बेहतर होती है।
==अभ्यास प्रश्न==
*[[पर्यावरण के मुद्दें|पर्यावरण]] में मछली के क्या लाभ हैं?
*मछली उत्पादन क्या है?
*मछली पालन कितने प्रकार के होते हैं?

Latest revision as of 11:26, 4 June 2024

मत्स्य-पालन (मछली पालन) घरेलू या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए मछलियों के प्रजनन, पालन-पोषण की एक प्रक्रिया है। मछली पालन में मछली का व्यावसायिक प्रजनन सम्मिलित होता है, प्रायः भोजन के लिए, मछली टैंकों या मछली तालाबों जैसे कृत्रिम बाड़ों में। यह एक विशेष प्रकार की जलीय कृषि है, जिसमें मछली, क्रस्टेशियंस, मोलस्क आदि जैसे जलीय जीवों की नियंत्रित खेती होती है। मछली पालन मुख्य रूप से एक बाड़े में या मीठे जल या समुद्री जल के क्षेत्र में मछली का व्यावसायिक उत्पादन है, जो पिंजरों या खुले जाल द्वारा आसपास के जल से दूर होता है।

एक ही तालाब में 5 या 6 मछलियों की स्पीशीज का प्रयोग किया जाता है। इसमें हम ऐसी मछलियों को चुनते हैं जिनमे आपस में भोजन के लिए प्रतिस्पर्धा न हो या फिर उनके आहार भिन्न भिन्न हो।

जैसे - कटला मछली जल की सतह से अपना भोजन लेती है। रोहू मछली तालाब के मध्य क्षेत्र से अपना भोजन लेती हैं। ग्रास कार्प खर - पतवार खाती है। इस प्रकार ये सभी मछलियाँ साथ साथ रहते हुए भी बिना स्पर्धा के अपना अपना आहार लेते है। जिससे तालाब में मछली उत्पादन में वृद्धि होती है। .इनमे से कई मछलियाँ केवल वर्षा ऋतु में ही जनन करती हैं। मछली के अंडो को ही मत्स्य डिम्भ कहते हैं। यदि मत्स्य डिम्भ देशी नस्ल के साथ मिल जाएँ तो यह अन्य स्पीशीज के डिंभों के साथ मिल सकते हैं। अतः मछली संवर्धन के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले डिंभों के होना आवश्यक है।

मछली पालन के तरीके

मछली पालन की विभिन्न विधियाँ हैं -

पिंजरा प्रणाली

मछली के पिंजरे झीलों, खाड़ी, तालाबों, नदियों या महासागरों में रखे जाते हैं ताकि मछलियों को तब तक सुरक्षित रखा जा सके जब तक उन्हें बाहर नहीं निकाला जा सके। धातु के पिंजरे जल में डुबोए जाते हैं जिनमें मछलियाँ होती हैं। खेती की इस पद्धति में मछलियों को कृत्रिम रूप से खिलाने की आवश्यकता होती है।

नेट पेन प्रणाली

ओपन नेट पेन प्रणाली एक ऐसी विधि है जो प्राकृतिक जल, जैसे नदियों, झीलों, तट के पास या अपतटीय में होती है। प्रजनक जल में तैरती हुई मछलियों को बड़े पिंजरों में पालते हैं। मछलियाँ प्राकृतिक जल में प्रजनन करती हैं लेकिन जाल से अलग रहती हैं।

मछली पालन के फायदे

  • खेती की गई मछलियों में मानव उपभोग के लिए उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन होता है।
  • मछली पालन के लिए बहुत अधिक संसाधनों की आवश्यकता नहीं होती है और इसलिए यह आसानी से उपलब्ध है।
  • मछली पालन से अतिरिक्त आय होती है और इसके जल प्रबंधन में सुधार होता है।
  • यह संसाधनों को बचाता है और अधिक भोजन का उत्पादन भी सुनिश्चित करता है, जिससे भंडार सुरक्षित होता है और पर्यावरण पर तनाव कम होता है।
  • मछली पालन से जंगली समुद्री भोजन को बढ़ावा मिलेगा और यह सभी के लिए सस्ता और सुलभ हो जाएगा।
  • यह किसानों को वांछित विशेषताओं वाली मछली प्रजातियों का चयन करने का प्रायः देता है।
  • मछली पालन के माध्यम से उगाई गई मछलियों की गुणवत्ता जंगली मछलियों से बेहतर होती है।

अभ्यास प्रश्न

  • पर्यावरण में मछली के क्या लाभ हैं?
  • मछली उत्पादन क्या है?
  • मछली पालन कितने प्रकार के होते हैं?