बृहत अणु

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बहुलक या पाॅलीमर (polymer), बृहत अणु बहुत अधिक अणुभार वाला कार्बनिक यौगिक है। यह सरल अणुओं जिन्हें मोनोमर कहा जाता है, के बहुत अधिक इकाईयों के बहुलकीकरण से प्राप्त होता है। बहुलक में एक ही प्रकार की अनेक आवर्ती संरचनात्मक इकाईयाँ अर्थात मोनोमर होते हैं जो सह संयोजी बन्ध (कोवैलेन्ट बॉण्ड) से आपस में जुड़े होते हैं।

बहुलक शब्द की उत्पत्ति दो ग्रीक शब्दों 'पॉली' अर्थात अनेक और मर अर्थात इकाई अथवा भाग से हुई है बहुलकों का अणुभार बहुत उच्च होता है जिनका द्रव्यमान बहुत अधिक होता है उसे बृहदणु भी कहा जाता है ये कई मोनोमर इकाइयों के आपस में जुड़ने से बनते हैं ये सभी इकाइयां एक दूसरे से सहसहयोजक बंधों द्वारा जुडी होती हैं।

उदाहरण

सेल्यूलोज, लकड़ी, रेशम, त्वचा, रबर आदि

प्राकृतिक पॉलीमर

प्राकृतिक पॉलीमर हैं, ये प्रकृति में पाए जाते हैं तथा इन्हें पौधों और जीवधारियों से प्राप्त किया जाता है सेल्यूलोज, लकड़ी, रेशम, त्वचा, रबर आदि। अन्य उदाहरणों में पालीइथिलीन, टेफ्लान, पाॅली विनाइल क्लोराइड प्रमुख पाॅलीमर हैं। ये भी प्राकृतिक बहुलक हैं।

कृत्रिम या सिंथेटिक पॉलीमर

कृत्रिम या सिंथेटिक पॉलीमर मानव निर्मित होते हैं। इन्हें कारखानों में उत्पादित किया जाता है।

उदाहरण प्लास्टिक, पाइप, बोतल, बाल्टियों आदि के निर्माण में प्रयुक्त होने वाली प्लास्टिक एक सिंथेटिक पॉलीमर है। बिजली के तारों, केबलों के ऊपर चढ़ाई जाने वाली प्लास्टिक कवर भी सिंथेटिक पॉलीमर है। फाइबर, सीटकवर, मजबूत पाइप एवं बोतलों के निर्माण में प्रयुक्त होने वाली प्रोपाइलीन भी सिंथेटिक पॉलीमर है। सिंथेटिक रबर भी एक सिंथेटिक पॉलीमर है जिससे मोटरगाड़ियों के टायर बनाए जाते हैं।

बहुलक शब्द की उत्पत्ति दो ग्रीक शब्दों 'पॉली' अर्थात अनेक और मर अर्थात इकाई अथवा भाग से हुई है बहुलकों का अणुभार बहुत उच्च होता है जिनका द्रव्यमान बहुत अधिक होता है उसे बृहदणु भी कहा जाता है ये कई मोनोमर इकाइयों के आपस में जुड़ने से बनते हैं ये सभी इकाइयां एक दूसरे से सहसहयोजक बंधों द्वारा जुडी होती हैं।

बहुलक के प्रकार

बहुलक तीन प्रकार के होते हैं।

1.) प्राकृतिक बहुलक

यह बहुलक पादप एवं जंतुओं से प्राप्त किया जाता है

उदाहरण

प्रोटीन, सेलुलोस, स्टार्च, कुछ रेजिन और रबर।

2.) अर्ध संश्लेषित बहुलक

इसके उदाहरण हैं सेलुलोस के व्युत्पन्न जैसे सेलुलोस एसीटेट (रेयॉन) और सेलुलोस नाइट्रेट आदि।

3.) संश्लेषित बहुलक

यह मानव निर्मित बहुलक हैं जैसे प्लास्टिक (पॉलीथीन), संश्लेषित रेशे संश्लेषित रबर (BUNA -S ) यह विस्तृत रूप से तैयार किये जाते हैं।

बहुलकन के प्रकार

यह दो प्रकार की बहुलकन अभिक्रिया होती हैं:

  • योगज बहुलकन
  • संघनन बहुलकन

योगात्मक बहुलकन

इस प्रकार के बहुलक में एक अथवा भिन्न प्रकार के एकलक अणु परस्पर योग करते हैं इसमें प्रयुक्त होने वाले बहुलक असंतृप्त यौगिक होते हैं। जैसे - एल्कीन इस विधि में श्रंख्ला की लम्बाई में वृद्धि होती है यह मुक्त मूलक द्वारा होती है

समबहुलक

एक ही प्रकार की एकलक यौगिकों के बहुलकीकरण से बनने वाले योगज बहुलक को समबहुलक कहा जाता है

उदाहरण - पॉलीथीन

सहबहुलक

दो भिन्न प्रकार के एकलक अणुओं के योगात्मक बहुलकीकरण से बनने वाले बहुलकों को सहबहुलक कहा जाता है

उदाहरण - ब्यूना - S

संघनन बहुलक

संघनन बहुलक में सामान्यतः दो द्विक्रियात्मक एकलक की पुनरावृत्ति होती है। इस बहुसंघनन अभिक्रियाओं से जल, एलकोहॉल, हाइड्रोजन क्लोराइड आदि अणु बाहर निकलते हैं इससे उच्च आणविक द्रव्यमान वाले संघनन बहुलक प्राप्त होते हैं। यह द्वि कार्बोक्सिलिक अम्लों और डाइऑल के संघनन से उत्पाद प्राप्त होता है। पॉलीएस्टर का एक उदाहरण डेक्रॉन और टेरिलीन है। यह एथिलीन ग्लाइकॉल और टेरेफ्थेलिक अम्ल के मिश्नण को 420k से 460K ताप तक ज़िंक एसीटेट एंटिमनी ट्राइआक्साइड उत्प्रेरक की उपस्थित में गर्म करने पर पॉलीएस्टर प्राप्त होता है। टेरिलीन एक संश्लेषित बहुलक है जिसे एथिलीन ग्लाइकॉल और टेरेफ्थेलिक एसिड के बहुलकीकरण के माध्यम से तैयार किया जाता है। उदाहरण - टेरिलीन

टेरिलीन

टेरिलीन एक संश्लेषित बहुलक है जिसे एथिलीन ग्लाइकॉल और टेरेफ्थेलिक एसिड के बहुलकीकरण के माध्यम से तैयार किया जाता है। यह एक प्रबल, इलास्टिक फाइबर है जो सिलवट के लिए प्रतिरोधी है और इसका उपयोग ज्यादातर कपड़ा उद्योग में किया जाता है। संघनन बहुलक में सामान्यतः दो द्विक्रियात्मक एकलक की पुनरावृत्ति होती है। इस बहुसंघनन अभिक्रियाओं से जल, एलकोहॉल, हाइड्रोजन क्लोराइडआदि अणु बाहर निकलते हैं इससे उच्च आणविक द्रव्यमान वाले संघनन बहुलक प्राप्त होते हैं।

टेरेफ्थेलिक एसिड

टेरीलीन के गुण

  • यह एक प्रबल फाइबर है, ब्लीचिंग या ड्राई क्लीनिंग एजेंटों का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
  • यह बहुत कम मात्रा में जल सोखता है, इसलिए यह जल्दी सूख जाता है और इसे आसानी से धोया भी जा सकता है।
  • टेरीलीन अपनी उच्च तन्यता शक्ति के कारण घर्षण प्रतिरोधी है।
  • टेरीलीन उच्च तापमान पर स्थाई होता है।
  • अधिकांश कार्बनिक विलायकों में यह अम्ल और क्षार के प्रति प्रतिरोधी है।
  • टेरीलीन एक सिंथेटिक पॉलिएस्टर कपड़ा है जो ऊन के साथ मिलकर टेरीवूल के नाम से जाना जाता है।

टेरीलीन के उपयोग

  • टेरिलीन फाइबर का उपयोग पॉलिएस्टर ट्राइकॉट निट के रूप में किया जाता है।
  • इसका उपयोग प्लास्टिक की बोतलें बनाने में किया जाता है।
  • इसका उपयोग विभिन्न कपड़ा उद्योगों में भी किया जाता है।
  • कपड़े धोने के उद्देश्य से टेरीलीन का उपयोग स्वचालित कपड़े वैक्यूम पैकेजिंग मशीन के रूप में भी किया जाता है।

पॉलीएमाइड

पॉलीएमाइड एक प्रकार का बहुलक है जो एमाइड नामक एकलक के आपस में जुड़ने से प्राप्त होता है। यह प्राकृतिक तथा कृत्रिम दोनो रूपों में पाया जाता है। एक ही प्रकार की कई मोनोमर इकाईयों से बनने वाले बहुलक को होमोपॉलीमर कहते हैं। जैसे पॉलीस्टायरीन का एकमात्र मोनोमर स्टायरीन ही है। अलग अलग प्रकार की मोनोमर इकाईयों से बनने वाले बहुलक को कोपॉलीमर कहते हैं। जैसे इथाइल-विनाइल-एसीटेट भिन्न प्रकार के मोनोमरों से बनता है। यह एक संघनन बहुलक है इस प्रकार के बहुलकन में एमाइड बंध युक्त बहुलक संश्लिष्ट रेशे से प्राप्त होता है, इन्हे नायलॉन जाता है। इनके विरचन से संघनन बहुलक प्राप्त होता है जो नॉन लिखित हैं:

  • नायलॉन 6, 6
  • नायलॉन 6

उदाहरण

सिल्क, प्रोटिन, ऊन तथा नाइलान।

नायलॉन 6, 6

हेक्सा मेथिलीनडाइऐमीन एवं एडीपिक अम्ल के उच्च दाब और ताप पर संघनन करने पर नायलॉन 6, 6 प्राप्त होता है। इसका उपयोग शीट कवर बनाने में और ब्रश के शूकों को बनाने में किया जाता है।

नायलॉन 6, 6  रेशे बनाने वाले ठोस है। रेशे का तनन सामर्थ्य बहुत अधिक होता है इसमें प्रबल हाइड्रोजन बंध होता है।

नायलॉन 6

नायलॉन 6, जिसे पॉलिएमाइड 6 के रूप में भी जाना जाता है, यह एक सिंथेटिक बहुलक है जो पॉलियामाइड के परिवार से संबंधित है। इसके अनुकूल गुणों के कारण इसका उपयोग सामान्यतः विभिन्न अनुप्रयोगों में किया जाता है। यह कैप्रोलैक्टम को जल के साथ उच्च ताप पर गर्म करके प्राप्त किया जाता है यह एक संघनन बहुलक है।

नायलॉन 6 के संश्लेषण में कैप्रोलैक्टम का बहुलकीकरण किया जाता है, जो छह कार्बन परमाणुओं वाला एक चक्रीय एमाइड है। नायलॉन 6 के निर्माण का रासायनिक समीकरण इस प्रकार है:

कैप्रोलैक्टम → नायलॉन 6

फीनॉल - फॉर्मेल्डिहाइड बहुलक (बैकेलाइट और सम्बंधित बहुलक)

फीनॉल - फॉर्मेल्डिहाइड बहुलक अत्यधिक पुराने संश्लिष्ट बहुलक है। यह संघनन बहुलक से प्राप्त होते हैं। इसमें अम्ल एवं क्षार उत्प्रेरक की उपस्थित में फॉर्मेल्डिहाइड प्राप्त होती है। फॉर्मेल्डिहाइड के साथ गर्म करने पर नोवोलेक तिर्यक बंध बनाकर एक दुर्गलनीय ठोस प्राप्त होता है जिसे बैकेलाइट कहते हैं। यह एक ताप दृढ़ बहुलक होता है। बैकेलाइट बनाते समय नोवोलेक बहुलक की लम्बाई आपस में तिर्यक आबंध से बनती हैं।

बैकेलाइट

बैकेलाइट का उपयोग

  • बैकेलाइट का उपयोग कंघी बनाने में किया जाता है।
  • यह विभिन्न बर्तनों के हतथे बनाने में किया जाता है।
  • यह वैधुत स्विच बनाने में प्रयोग किया जाता है।

मेलैमीन - फॉर्मेल्डिहाइड बहुलक

मेलैमीन - फॉर्मेल्डिहाइड के संघनन बहुलकन द्वारा प्राप्त होता है। इसका उपयोग अभंजनीय बर्तनों के निर्माण में किया जाता है।

मेलैमीन - फॉर्मेल्डिहाइड बहुलक

अभ्यास प्रश्न

  • टेरिलीन से आप क्या समझते हैं ?
  • फीनॉल - फॉर्मेल्डिहाइड बहुलक (बैकेलाइट और सम्बंधित बहुलक) से आप क्या समझते हैं ?
  • मेलैमीन - फॉर्मेल्डिहाइड बहुलक से आप क्या समझते हैं ?